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Hindi Kavita: रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'प्रार्थना'

एक कविता रोज़ में आज पढ़िये  प्रार्थना|| ‎रामधारी सिंह दिनकर की रचना 

रामधारी सिंह दिनकर भारत के महान कवियों में से एक हैं जिन्होंने ने बहुत सी प्रसिद्ध कवितायेँ लिखी हैं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कवितायेँ वीरता, विद्रोह और क्रांति के शब्दों से भरी हुई हैं। रामधारी सिंह दिनकर जी की कवितायेँ व्यक्ति को निराशावाद से आशावाद की ओर ले जाती हैं।



प्रार्थना|| ‎रामधारी सिंह दिनकर की रचना 

 प्रार्थना में शक्ति है ऐसी कि वह निष्फल नहीं जाती।

जो अगोचर कर चलाते हैं जगत को, उन करों को प्रार्थना नीरव चलाती है। प्रार्थना से जो उठा है पूत होकर प्रार्थना का फल उसे तो मिल गया। अर्थ नीचे ही यदि रह गया, शब्द क्या उड़ते जाते हैं? अर्थ के बिना शब्द हे मित्र! स्वर्ग तक पहुँच न पाते हैं।

राम धरी सिंह दिनकर की और कविता पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें |

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