Type Here to Get Search Results !

अग्निपथ कविता -कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्द कविता

वृक्ष हों भले खड़े,

हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।



यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Learn Digital Marketing