google.com, pub-8008239937663308, DIRECT, f08c47fec0942fa0 कलम, आज उनकी जय बोल | रामधारी सिंह दिनकर की कविता
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कलम, आज उनकी जय बोल | रामधारी सिंह दिनकर की कविता

रामधारी सिंह दिनकर भारत के महान कवियों में से एक हैं जिन्होंने ने बहुत सी प्रसिद्ध कवितायेँ लिखी हैं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कवितायेँ वीरता, विद्रोह और क्रांति के शब्दों से भरी हुई हैं। रामधारी सिंह दिनकर जी की कवितायेँ व्यक्ति को निराशावाद से आशावाद की ओर ले जाती हैं।


~ कलम, आज उनकी जय बोल ~ famous ramdhari singh dinkar poems

 

 

जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम, आज उनकी जय बोल।

जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफानों में एक किनारे,
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल
कलम, आज उनकी जय बोल।

पीकर जिनकी लाल शिखाएँ
उगल रही सौ लपट दिशाएं,
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल
कलम, आज उनकी जय बोल।

अंधा चकाचौंध का मारा
क्या जाने इतिहास बेचारा,
साखी हैं उनकी महिमा के
सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल
कलम, आज उनकी जय बोल।

~ कलम, आज उनकी जय बोल ~ famous ramdhari singh dinkar poems

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