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Mata Ki Aarti जय अम्बे गौरी आरती | माता रानी की आरती

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नमस्कार दोस्तों ! आज हम आपके लिए लाये है सम्पूर्ण माता रानी की आरती : Mata Ki Aarti lyrics in hindi

Navratri Durga Aarti: नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है। ये पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है और हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं मां अंबे इस दौरान अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। कुछ लोग इस व्रत के पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं तो कुछ पूरे नौ दिन। नौ दिनों तक मां अंबे की विधि विधान पूजा की जाती है। पूजा के समय माता रानी की इस आरती को करना जरूरी माना जाता है। 

माता रानी की आरती; जय अम्बे गौरी आरती (Mata Ki Aarti, Jai Ambe Gauri Aarti)

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥2॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥3॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥4॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥5॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥7॥

भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥8॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥9॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥10॥

हमारी आरती संग्रह का आनंद उठाने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते है और पढ़िए हिन्दू सनातन धर्म से जुड़े सभी आरती और मंत्र और उनके अर्थ

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