चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों ||
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूँ दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी तरफ़ देखो गलत अंदाज़ नज़रों से ||
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों में
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से ||
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से ||
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जलवे पराए हैं
[मेरे हमराह भी रुसवाइयां हैं मेरे माझी की]x २ ||
तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साये हैं
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों ||
तार्रुफ़ रोग हो जाये तो उसको भूलना बेहतर
ताल्लुक बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा ||
[वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन]x २
उसे इक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा ||
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों...||
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों...||
![]() Gumrah |
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